
सूरजपुर / प्रतापपुर क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की हकीकत एक बार फिर उजागर हुई है। सरकार के लाख दावों के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में हालात बद से बदतर बने हुए हैं।आपको बता दे की इन दिनों प्रतापपुर क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा का बुरा हाल तो है ही वहीं सरकार द्वारा बड़े-बड़े दावे फेल होते नजर आ रहे हैं। एंबुलेंस नहीं मिलने पर कोडाकू जाति के एक बीमार आदमी नानराम कोडाकू, रामका पारा गोर्गी निवासी को एंबुलेंस नहीं मिलने पर झलकी में बैठाकर 25 किलोमीटर का यात्रा तय कर पहुंचे प्रतापपुर स्वास्थ्य केंद्र
गोरगी से प्रतापपुर लगभग 25 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तय करके बीमार नानराम कोडाकू को झलगी के सहारे विलुप्त हो रहे कोडाकू जनजाति के बीमार मरीज को दोनों ओर से कंधे पर झलगी से डोह कर ला रहे प्रतापपुर लाते वक्त मरीज को देखकर हर कोई हैरान रह गया ।
बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का दावा करने वाले नेता से लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी पर प्रश्न चिन्ह लग गए है।
रोते बिलखते हुए कोडाकू जनजाति के ग्रामीण तबीयत खराब होने पर प्रतापपुर स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहां रास्ते में कई लोगों ने वीडियो बनाकर भी सोशल मीडिया में डाला वहीं शासन प्रशासन पर सवाल खड़े किए। जिसकी खूब आलोचना हो रही है
तबीयत खराब से जूझ रहे जीवन और मृत्यु के बीच लड़ रहे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सही उपचार नहीं मिल पाने के कारण इस तरह की दुर्दशा देखी जा रही है । जहां मानवता इस तरह का अमानवीय दृश्य देखकर तार तार हो रहा है।
वही देखने वाले दंग रह गए।
इस तरह का दृश्य देखकर लोगों की आंखों में आंसू आ गए
लोगों ने बताया कि एंबुलेंस को कई बार कॉल किया गया मगर कोई लाभ नहीं हुआ लोगों से मदद मांगी गई मगर किसी ने मदद नहीं किया जान का खतरा जानकर ग्रामीणों ने मिट्टी ढोने वाले झेलगी के सहारे मरीज को प्रतापपुर स्वास्थ्य केंद्र में एडमिट कराया है। इस तरह का गतिविधि के कारण सोशल मीडिया पर भी जमकर सरकार की किरकिरी एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रति कार्यवाही की मांग उठ रही है।
आखिर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा और बेहतर लाभ क्यों नहीं मिल पाता यह भगवान भरोसे है क्या इसी तरह से तड़प तड़प कर जान देने को ग्रामीण तरसते रहेंगे





















































