
अम्बिकापुर जिला के 59 ग्राम पंचायत की प्रतिष्ठित महिलाओं समेत जन प्रतिनिधियों ने कार्यक्रम में दी शिरकत!
90% महिलाओं ने कार्यक्रम को सराहा
विद्यालय जहां अभिभावक तो आते हैं परंतु मम्मी, आंटी, माता, दाई इत्यादि शायद ही सत् प्रतिशत किसी भी विद्यालय में पहुंचकर उस विद्यालय की कार्य गतिविधियां एवं व्यवस्थाओं से रूबरू होती हो !ऐसा ही कुछ दूरियों की कमी को दूर करते हुए स्कायरिच एजुकेशन सेंटर उदयपुर में एक विशेष पहल करते हुए नारी शक्ति सम्मेलन का आयोजन कर विद्यालय की गतिविधियों संस्कृति कार्यक्रम एवं उनके बच्चों को किस तरह की शैक्षिक सामाजिक एवं नैतिक शिक्षा के साथ-साथ संस्कार शिक्षा दी जाती है इत्यादि की समुचित जानकारी से अवगत करने को मद्दे नजर नारी शक्ति सम्मेलन का आयोजन किया गया!
जिसमें संगीत, मातृत्व शक्ति की विद्यालय में भूमिका’ सांस्कृतिक कार्यक्रम ,अभिव्यक्ति , खेलकूद व पारितोषिक, जलपान ,सम्मान समेत विविध कार्यक्रमों से परिपूर्ण मातृत्व सम्मेलन का आयोजन संपन्न किया गया गया जिसमें सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर आरती वंदना करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया सभी अतिथियों का परिचय व सम्मान पुष्प पुष्प गुछ व माल्यार्पण से सम्मानित किया गया एवं चंदन टीका लगाकर शाल श्रीफल से सभी अतिथियों का सम्मान किया गया
कार्यक्रम में सर्वप्रथम मुख्य अतिथि राधा रवी जिला पंचायत सदस्य विशिष्ट अतिथि राई मुनिया करियाम जिला पंचायत सदस्य, कल्पना भदोरिया, शुभ्रा सिंह रानी साहिबा मानपुर सुमन सिंह , भरत लाल गुप्ता, शांति राजवाड़े, कृतिका सिंह सरपंच केदमा, प्रमिला पोर्ते, शीला अग्रवाल , सविता गुप्ता सुश्री वुतकुवर ब्रह्माकुमारी, प्रदीप कुमार सरपंच संघ अध्यक्ष प्रबंधक श्री श्याम चरण गुप्ता प्राचार्य श्री राम प्रसाद गुप्ता जीके गरिमामइ उपस्थिति में मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप मंत्र के साथ मंगलदीप प्रज्वलित किये!
अतिथियों का परिचय संस्था के प्रचारक श्री राम प्रसाद गुप्ता जी ने कराया तथा अतिथियों का सम्मान तिलक श्री फल एवं पुष्प से किया गया विद्यालय की नन्ही बालिकाओं ने सु मधुर धुन में स्वागत गीत प्रस्तुत किया
मातृ सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य शिक्षा बालक के सर्वांगीण विकास की वह वैचारिक प्रक्रिया है जो उसके आचार विचार तथा भावनाओं को स्थिति परिष्कृत करके उसे आंतरिक गति प्रदान करती है जिसमें मां की अहम भूमिका रहती है तथा परिवार कुटुंब में संस्कार चाम वातावरण निर्माण में मातृ शक्ति का योगदान विषय पर आधारित था जिसमें सम्मेलन में में लगभग 400 माता बहनों की सहभागिता रही गुप्त विषय पर सभागार तथा मंच पर उपस्थित माता ने अपने-अपने सारगर्भित विचारों से सभी को अवगत कराया मुख्य अतिथि जीने कहा आधुनिक जीवन शैली के कारण परिवारों में दूरियां तनाव और संवेदनहीनता बढ़ रही है जिससे सामाजिक रचना प्रभावित हो रही है जिसका प्रभाव बच्चों पर भी पढ़ रहा है बच्चों पर प्रभाव न पड़े माता को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है श्रीमती कार्यम ने कहाकहां परिवार को शुद्ध ने बनाए रखने के लिए भजन भजन भाषा वेशभूषा भवन और भ्रमण जैसे तत्वों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है श्रीमती सुभद्रा कल्पना भदोरिया जी ने कहा भारतीय नारी मात्रा व्यक्ति नहीं है बल्कि एक संपूर्ण चेतन है वह परिवार की आधारशिला समाज की प्रेरणा और राष्ट्र की आत्मा मानी जाती है श्रीमती सुमन जी ने एक माता के नाते संशा कटी सहनशक्ति करुणा धैर्य निस्वार्थ सेवा और बुद्धिमता जैसे गुण परिवार से लेकर विश्व मानवता तक का मार्गदर्शन करती है श्रीमती सविता गुप्ता ने कहा नन्हे नन्हे बच्चों के कोमल मन मस्तिष्क पर मां जैसा संस्कार आरोपित करती है वह उसके जीवन पर्यंत स्थाई भाव से कार्य आता है, श्रीमती शुभ्रा सिंह जी ने मोबाइल की कितनी आवश्यकता माता के साथ बेटियों का विचार में सहभागिता परिवार के साथ सप्ताह में एक बार भजन एक साथ मंगल आरती तथा छोटे बच्चों में प्रकृति धरती माता आदि पुरुष से जीवन जीने की जो विचार बिन्दु प्राप्त होते हैं माता की गहन विचार बिंदु ही बच्चों को हृदय को अनुकूल बनती है।
उक्त अवसर पर श्रीमती कृतिका सिंह प्रमिला पूर्ति तपस्या की सरदार ज्योति अग्रवाल शील अग्रवाल अनीता अग्रवाल सरस्वती सिंह शांति सिंह जी ने भी बच्चों के संस्कार पर प्रकाश डालते हुए छत्रपति शिवाजी की माता जीजाबाई पन्नाधाय मां अहिल्या देवी माता सीता जैसी माता का उदाहरण देते हुए कहा बच्चों में अध्ययनशीलता सृजनशीलता उत्तम नागरिक बने हेतु माता-पिता की आज्ञा गुरुजनों का सम्मान एवं आदि महापुरुषों के चरित्र को ध्यान में रखते हुए बच्चों के हृदय में उत्तम संस्कार पल्लवी पुष्पित करने का कार्य मां की माहिती भूमिका होती है कार्यक्रम में गोष्ठी के अलावा नन्हे नन्हे छात्र-छात्रा दुर्गा काली भगवान शिव कृष्णा सरस्वती की विविध वेशभूषा में प्रेरणादायक मुद्रा में भी संदेश दिए उक्त अवसर पर विशिष्ट माता का सम्मान भी किया गया जिन्होंने अपने बच्चों को डॉक्टर इंजीनियर बनाने में भूमिका अदा की माता में के मध्य विभिन्न खेलों का आयोजन किया गया जिसमें अधिकांश माता बहनों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया उक्त विविध खेल में प्रथम द्वितीय स्थान प्राप्त माता बहनों को पुरस्कृत किया गया प्रश्नोत्तरी के कार्यक्रम में भी माता बहनों ने भाग लिया विद्यालय के नन्हे मन ने बच्चों ने शांति पाठ 15 भोजन मंत्र इंग्लिश प्रेयर गीत एवं नृत्य के माध्यम से माता बहनों को मन मुक्त कर किया कार्यक्रम में गणमान्य माताएं बहने सर्व श्री मती पार्वती सिंह शकुंतला यादव अंजनी सोनी राजकुमारी सोनी गायत्री सोनी विमल राजवाड़े बूंद कुंवर राजवाड़े राम भाई दास रेखा दास भगवती दास मीणा ताम्रकार विद्या प्रजापति ज्योति अग्रवाल रेनू गोयल विमल अग्रवाल सुजाता अगरवाल आस्था अग्रवाल रेनू सिंह अनुराधा पैकरा की गरिमामयी उपस्थित रहीं
कार्यक्रम कार्यक्रम के सफल आयोजन में मुख्य रूप से श्रीमती अनीता वर्मा श्रीमती आरुणि वर्मा तथा श्रीमती सोनू मानिकपुरी तथा विद्यालय के समस्त शिक्षक शिक्षिकाओं सहकारियों की अहम भूमिका रही कार्यक्रम का सफल संचालन विद्यालय की शिक्षिका श्रीमती रुबीना अली ने किया कार्यक्रम का समापन कल्याण मंत्र के साथ हुआ





















































