
सूरजपुर। रामानुजनगर विकासखंड के ग्राम पंचायत पम्पापुर में श्री श्री नवयुवक गणेश पूजा सेवा समिति (मित्र मंडल) के तत्वावधान में गणपति बप्पा का भव्य विसर्जन समारोह आयोजित किया गया। ढोल-नगाड़ों की थाप, भक्ति भजनों की स्वरलहरियां और युवाओं के उत्साह ने पूरे गांव को भक्ति-भाव के रंग में सराबोर कर दिया। इस अवसर पर सरपंच पति भागवत पैकरा, युवा पत्रकार अनिल साहू, समिति के अध्य्क्ष विकास साहू, उपाध्य्क्ष अक्षय साहू , कोषाध्यक्ष संस्कार साहू , सचिव रवि साहू,सहसचिव रितेश साहू, महामंत्री युवा पत्रकार अनिल साहू, संयोजक अभय साहू, निर्णायक गप्पू साहू,व समिति सदस्यों सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासियों की गरिमामय उपस्थिति रही।
**संगीत और भक्ति का अनूठा संगम**
विसर्जन यात्रा का शुभारंभ शनिवार को पम्पापुर के मुख्य गणेश पंडाल से हुआ। भगवान गणेश की प्रतिमा को फूलों और रंग-बिरंगे कपड़ों से सजाए गए आकर्षक रथ पर विराजमान किया गया। जैसे ही यात्रा शुरू हुई, ढोल-ताशों की गूंज और भक्ति गीतों ने वातावरण को और भी जीवंत बना दिया। युवा नर्तकों ने गणपति बप्पा के जयकारों के साथ नृत्य प्रस्तुत किया, जिसने सभी का मन मोह लिया।
ग्रामवासियों का उत्साह चरम पर
विसर्जन यात्रा गांव के प्रमुख मार्गों से होकर निकली, जिसमें बच्चे, युवा, महिलाएं और बुजुर्ग सभी शामिल हुए। जगह-जगह ग्रामवासियों ने पुष्पवर्षा कर गणपति बप्पा का स्वागत किया। समिति के सदस्यों ने यात्रा के दौरान अनुशासन और व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सरपंच पति भागवत पैकरा ने कहा, “गणेश उत्सव हमारे गांव की एकता और भक्ति का प्रतीक है। हर साल हम बप्पा के आगमन और विसर्जन को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।”

पर्यावरण के प्रति जागरूकता
इस बार समिति ने पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए मिट्टी की गणेश प्रतिमा का उपयोग किया। विसर्जन स्थल पर ग्रामवासियों ने बप्पा को भावपूर्ण विदाई दी। युवा पत्रकार अनिल साहू ने बताया, “हमने इस साल पर्यावरण के प्रति जागरूकता पर जोर दिया। मिट्टी की प्रतिमा और जैविक सामग्रियों के उपयोग से हमने प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाए रखने का प्रयास किया।”
समिति की मेहनत को सराहना
श्री नवयुवक गणेश पूजा सेवा समिति (मित्र मंडल) के प्रयासों की ग्रामवासियों ने जमकर तारीफ की। समिति के अध्यक्ष ने बताया कि इस आयोजन के लिए कई दिनों से तैयारी चल रही थी। “हमारा उद्देश्य गांव में भक्ति और एकता का माहौल बनाना है। सभी के सहयोग से यह आयोजन ऐतिहासिक बन गया,” उन्होंने कहा। विसर्जन के साथ ही ग्रामवासियों ने अगले साल गणपति बप्पा के पुनरागमन की कामना की। बप्पा के जयकारों के बीच यह उत्सव गांव की सांस्कृतिक और धार्मिक एकता का प्रतीक बन गया।






















































