

नीरज सिंह / सूरजपुर जिले के जनपद पंचायत प्रेमनगर अंतर्गत ग्राम पंचायत लक्ष्मणपुर क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से हो रही तेज बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। बारिश के कारण डामरीकरण सड़क और पुलिया न होने की वजह से लोगों को खासकर स्कूल जाने वाले बच्चों और किसानों को आवागमन में गंभीर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने वाला मार्ग पूरी तरह से कीचड़ और पानी से भर गया है। नाले पर पुलिया नहीं होने के कारण बच्चों को स्कूल जाने के लिए जान जोखिम मे डाल कर बहता नाला का पानी पार करना पड़ रहा है। किसान अपनी फसल और अनाज लेकर मंडी नहीं जा पा रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर असर पड़ रहा है।

स्थानीय निवासी ज्योत सिंह ने बताया,की आंगनबाड़ी से लेकर हाई स्कूल नाला के उस पार है पटेलपारा मे नाला से इस पार दरीपारा पंचायत भवन और सोसायटी खाद्य भवन है पुलिया निर्माण नही रहने के वजह से बरसात के समय उस पारा से इस पारा जाने मे भरी परेशानी होता है और किसी का तबियत खराब हो जाने पर उप स्वास्थ्य केंद्र मे भी जाने के लिए भी बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है क्योंकि गाँव से ब्लॉक मुख्याल को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग सड़क पुलिया नही रहने से लक्ष्मणपुर ग्रामवासियों को भरी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है “बरसात आते ही सड़क का नामोनिशान मिट जाता है। पुलिया की मांग हम कई वर्षों से कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।”

स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से लोग खुद लकड़ी और पत्थरों से अस्थायी रास्ता बना रहे हैं, जो काफी खतरनाक है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सड़क की मरम्मत और पुलिया निर्माण का कार्य शुरू नहीं हुआ, तो वे आंदोलन करेंगे।
मुख्य मांगें:
पुलिया का तुरंत निर्माण किया जाए
डामरीकरण सड़क का निर्माण किया जाए
स्कूल बच्चों और किसानों के लिए वैकल्पिक सुरक्षित रास्ता बनाया जाए
लोगों का सवाल है कि हर साल यही हालात होते हैं, लेकिन प्रशासन क्यों नहीं जागता? क्या गांवों के विकास का दावा केवल कागजों तक सीमित है?