

सूरजपुर रामानुजनगर:- रामानुजनगर में मौसमी बीमारियों को लेकर मीडिया द्वारा उठाई गई खबर का जबरदस्त असर देखने को मिला है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) की लापरवाही की खबर के प्रकाशित होने के बाद पहली बार इस टीम को एक्टिव मोड में देखा गया। वहीं, छात्रावासों में बीमारियों के फैलने की सूचना के बाद स्वास्थ्य महकमा भी तुरंत हरकत में आ गया। शुक्रवार की रात करीब 8 बजे रामानुजनगर के चांदनी चौक स्थित बालक छात्रावास में जहां मौसमी बीमारी फैला है यहां लगभग 15 से ज्यादा बच्चे बीमार है यहां स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची, जिसमें खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रियंका शर्मा, डॉ. राजेश द्विवेदी लैब टेक्नीशियन विवेक शुक्ला एवं फार्मासिस्ट ज्ञानेंद्र पांडे शामिल थे। टीम ने सभी बच्चों की स्वास्थ्य जांच की, ब्लड सैंपल लिए और आवश्यक दवाइयां वितरित कीं। उल्लेखनीय है कि सभी मीडिया ने अपनी विशेष रिपोर्ट में बताया था कि रामानुजनगर विकासखंड में RBSK टीम सिर्फ औपचारिकता निभा रही है, जहां ये टीमें स्कूलों और हॉस्टलों में सिर्फ फोटो खिंचवाकर कार्यदिवस पूरा कर लेती हैं। इसके बाद से ही मामला तूल पकड़ने लगा और सूरजपुर कलेक्टर ने इसे गंभीरता से लेते हुए जांच के निर्देश दिए। खबर का असर इतना तीव्र था कि शुक्रवार को स्वयं कलेक्टर सूरजपुर ने कई स्कूलों और छात्रावासों का औचक निरीक्षण कर वहां मौसमी बीमारियों से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से साफ तौर पर कहा कि किसी भी स्थिति में बच्चों की सेहत के साथ लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कलेक्टर द्वारा दिखाए गए तत्परता और संवेदनशीलता की आम जनता के बीच सराहना हो रही है। वहीं, खंड चिकित्सा अधिकारी रामानुजनगर और उनकी टीम की कार्यशैली को भी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। खबर के बाद जिस तरह से RBSK की टीम हरकत में आई और स्वास्थ्य विभाग ने रात में ही पहुंचकर बच्चों की जांच कर आवश्यक कदम उठाए, इससे यह साफ हो गया कि मीडिया की सजगता और जनहित में उठाया गया एक मुद्दा प्रशासन को जिम्मेदारी का एहसास दिला सकता है। यह मामला जिले में एक मिसाल बन गया है कि जब प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और मीडिया एक दिशा में काम करें तो किसी भी संकट से समय रहते निपटा जा सकता है।
